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सूरज की सतह पर फटा ‘फिलामेंट’, आज धरती से टकरा सकता है सौर तूफान, जानें फिर क्या होगा?

नई दिल्ली / बुधवार देर रात और गुरुवार को सूर्य की सतह से निकला सौर तूफान धरती से टकरा सकता है. यह सौर तूफान सूर्य की सतह पर भारी हलचल के कारण उत्पन्न हुआ है. इस बात की चेतावनी नेशनल एसिएनिक एंड एटमॉसफेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (SWPC) के स्पेस वेदर प्रिडक्शन सेंटर (SWPC) ने दी है.

NOAA ने ट्विटर पर कहा है कि 3 मार्च को 25 डिग्री लंबी वाली एक तंतु या फिलामेंट सूर्य की सतह से टूटकर निकल गया है. इसे वैज्ञानिक भाषा में कोरोनल मास इजेक्शन कहते हैं. यह एक भूचुंबकीय तूफान है जो 6 अप्रैल यानी बुधवार देर रात धरती से टकरा सकता है.

जी 1 श्रेणी का सौर तूफान

एनओएए ने अपने पूर्वानुमानों में बताया है कि यह सौर तूफान गुरुवार को भी धरती से टकरा सकता है. हालांकि एनओएए ने यह भी बताया है कि यह सौर तूफान बहुत ही छोटा है. इसे वैज्ञानिकों ने जी 1 श्रेणी में रखा है.

भूचुंबकीय तूफान को उनके आकार के अनुसार जी 1 से जी 5 तक की श्रेणी में रखा जाता है. जी-5 बहुत शक्तिशाली सौर तूफान होता है. इसके धरती से टकराने पर बहुत अधिक नुकसान हो सकता है.

वैज्ञानिकों के मुताबिक सूर्य से दो फिलामेंट टूटकर धरती की ओर निकला है. पहला 3 मार्च को टूटकर निकला है जबकि दूसरा फिलामेंट 4 मार्च को निकला है. 4 मार्च को निकला फिलामेंट 7 अप्रैल को धरती से टकरा सकता है.

इन चीजों पर पड़ सकता है असर

अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि इस भूचुंबकीय तूफान के धरती की ओर आने या धरती से टकराने पर क्या प्रभाव पड़ता है. वैज्ञानिकों के अनुसार इससे बिजली की व्यवस्था पर असर पड़ सकता है.

पावर ग्रिड और पावर प्लांट पर इसका असर हो सकता है क्योंकि इसमें आकाश अत्यधिक चमकीला प्रकाश देखने को मिलता है जो बहुत अधिक ऊंचाई से आता है. इससे रेडियो, सैटेलाइट, संचार और नेविगेशन सिस्टम पर भी असर पड़ता है.

जियोमैगनेटिक (भूचुंबकीय) तूफान क्या है

जब सूर्य के वातावरण में सौर हवा से निकली ऊर्जा का आदान-प्रदान धरती के पास वाले अंतरिक्षीय वातावरण के साथ होने लगता है, तब धरती के चुंबकीय क्षेत्र में विसंगतियां पैदा होने लगती है.

इस तरह के सौर तूफान तब आते हैं जब सूर्य की हवा में हलचल मचती है या भिन्नता आती है. इसके परिणामस्वरूप पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र में करंट, प्लाज़्मा और चुंबकीय दायरे में बड़े बदलाव लाते हैं.

अगर धरती पर जी 4 या जी 5 क्षमता वाला सौर तूफान आ जाए तो इससे जीवन की दिशा बदल सकती है और बिजली से चलने वाली हर को नुकसान पहुंचा सकती है.

सौर तूफान ने एलन मस्क के सैटेलाइट को नुकसान पहुंचाया है

सौर तूफान की कई दिलचस्प कहानियां हैं. एक कहानी तो हाल की है. स्पेस एक्स के मालिक एलन मस्क की कंपनी स्टारलिंक ने जब आसमान के ऊपर छोटे-छोटे सैटेलाइट लगाए तो सौर तूफान के कारण उनके करीब 40 सैटेलाइट नष्ट हो गए.

दरअसल, एलन मस्क दुनिया के हर कोने में संचार नेटवर्क स्थापित करने के लिए धरती से कुछ सौ किलोमीटर उपर बैलून के आकार के छोटे-छोटे सैटेलाइट लगा रहे हैं.

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