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Russia-Ukraine War: एक ओर शांति की बात, दूसरी ओर ‘खूनी संघर्ष’, यूक्रेन से जंग में क्या फंसता जा रहा है रूस?

Russia-Ukraine War: रूस और यूक्रेन में अब भले ही शांति की बातें होती दिख रहीं हों, लेकिन दोनों देशों के बीच हालात अब भी बुरे बने हुए हैं. रूस और यूक्रेन की सेनाओं के बीच संघर्ष जारी है. इसी बीच ब्रिटेन ने रूस की सेना को बहुत बड़ा नुकसान होने का दावा किया है.

ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने ट्वीट कर दावा किया है कि रूस की सेना को यूक्रेन की सेना ने बहुत बड़ा नुकसान पहुंचाया है, जिसने रूसी सेना को बेलारूस की ओर लौटने को मजबूर कर दिया है.

ब्रिटेन का दावा है कि रूसी सेना के पास पहले से ही लॉजिस्टिक की कमी थी और अब उस पर दबाव और बढ़ रहा है. ब्रिटिश रक्षा मंत्रालय ने अनुमान लगाया है कि नुकसान की भरपाई के लिए रूसी सेना यूक्रेन पर मिसाइल और हवाई हमले करना जारी रखेगा, ताकि उसे जमीन पर कम से कम नुकसान हो.

दावा ये भी किया है कि डोनेत्स्क और लुहांस्क में आक्रामक रवैया इस ओर इशारा करता है कि रूसी सेना किसी भी एक इलाके पर ज्यादा लंबे समय तक कब्जा नहीं कर पा रहा है.

इसी बीच पूर्वी यूरोप की मीडिया NextaTV ने दावा किया है कि पूरे यूक्रेन में रेड अलर्ट जारी किया गया है. यूक्रेन पर बेलारूस के गोमेल प्रांत के खोयनिकी से मिसाइल हमले होने का अंदेशा है.

इरपिन-सूमी को यूक्रेनी सेना ने रूस से छीना!

– यूक्रेन के साथ इतने दिन की जंग में अब तक रूस कोई भी बड़े शहर पर कब्जा नहीं कर पाया है. इतना ही नहीं, जिन इलाकों पर रूसी सेना ने कब्जा कर भी लिया है, तो वहां उसे यूक्रेनी सेना की जवाबी कार्रवाई का सामना करना पड़ रहा है.

– यूक्रेन के सूमी प्रांत पर रूसी सेना ने कब्जा कर लिया था, लेकिन अब यूक्रेन ने इसे भी कब्जे से छुड़ा लेने का दावा किया है. हफ्तों के कब्जे के बाद यूक्रेनी सेना ने सूमी के दक्षिण में स्थिति त्रोस्त्यानेत्स को भी छुड़ा लिया है

और दावा किया है कि रूसी सैनिकों के शव, जले हुए और तबाह हुए रूसी टैंक और बर्बाद इमारतें बची हैं.

– यूक्रेन की राजधानी कीव से सटे इरपिन को यूक्रेनी सेना ने रूसी सेना से छीन लिया है. रूसी सेना ने इरपिन पर कब्जा कर लिया था. लेकिन यूक्रेन की सेना लगातार यहां संघर्ष कर रही थी.

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने दावा किया है कि यूक्रेन के सेना ने इरपिन को फिर से अपने नियंत्रण में ले लिया है. हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि इस इलाके को कब्जाने के लिए रूसी सेना फिर एकजुट हो रही है.

– इंस्टीट्यूट फॉर द स्टडी ऑफ वॉर (ISOW) की रिपोर्ट के मुताबिक, मंगलवार को रूसी सेना ने इरिपन और होस्तोमेल में गोलीबारी जारी रखी. रूसी सैनिकों ने इरपिन के उत्तर-पश्चिम में बुका और नेमिशयेव इलाकों पर हमले किए.

रिपोर्ट के मुताबिक, रूसी तोपखाने और रॉकेट राजधानी कीव के उत्तर और पश्चिम में कई इलाकों पर यूक्रेनी सेना के ठिकानों पर गोलीबारी कर रहे हैं.

मारियूपोल, खारकीव में खूनी संघर्ष जारी

– रूस और यूक्रेन की सेना के लिए मारियूपोल इस समय जंग का मैदान बना हुआ है. चार हफ्तों की जंग में सबसे ज्यादा तबाही मारियूपोल में ही बची है. यहां अब भी लाखों लोग फंसे हुए हैं, जिनके पास खाने-पीने का सामान भी नहीं है.

यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की का कहना है कि मारियूपोल में रूसी सेना के हमले ‘इंसानियत के खिलाफ अपराध’ हैं. वहीं, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने भी कहा है कि इस समय मारियूपोल से लोगों को निकालना संभव नहीं है.

मारियूपोल के मेयर का दावा है कि रूसी हमलों में अब तक यहां 5 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें 210 बच्चे भी शामिल हैं.

– यूक्रेन के दक्षिण में स्थित मायकोलेव में भी रूसी सेना के हमले जारी हैं. यहां मंगलवार को रूसी सेना ने एक 9 मंजिला सरकारी इमारत पर हमला किया.

इस हमले में यूक्रेन ने 12 लोगों के मारे जाने का दावा किया है. यहां के मेयर वितालीय किम ने कहा कि वो (रूसी सेना) लोगों के काम पर जाने का इंतजार कर रहे थे.

– खारकीव और खेरसन में भी रूसी सेना लगातार आक्रामक बनी हुई है. हालांकि, यूक्रेन की सेना से उसे कड़ी चुनौती भी मिल रही है. इसी बीच मानवाधिकार संस्था ने दावा किया है कि रूस की सेना ने खारकीव में माइन का इस्तेमाल किया है.

इन माइन के इस्तेमाल पर प्रतिबंध है. ये माइन 16 मीटर की रेंज में आने वाले व्यक्ति को पहचान लेती हैं और विस्फोट हो जाता है.

रूस को कितना नुकसान?

यूक्रेन ने रूसी सेना को बड़ा नुकसान पहुंचाने का दावा किया है. यूक्रेन का दावा है कि इस जंग में अब तक 17,200 से ज्यादा रूसी सैनिक मारे गए हैं. हालांकि, 25 मार्च को रूस ने बताया था कि इस जंग में उसके 1,351 सैनिकों की मौत हुई है और 3,825 सैनिक घायल हुए हैं.

यूक्रेन का दावा है कि मंगलवार तक रूसी सेना के 127 प्लेन और 129 हेलीकॉप्टर मार गिराए जा चुके हैं. वहीं, 597 टैंक, 303 आर्टिलरी पीस, 1,710 सैन्य वाहन, 4 मोबाइल SRBM सिस्टम, 96 मिसाइल लॉन्चर सिस्टम, 7 बोट, 1,178 वाहन, 73 फ्यूल टैंक, 71 ड्रोन, 54 एंटी-एयरक्राफ्ट हथियार और 21 स्पेशल इक्विपमेंट को तबाह किया जा चुका है.

रूस की दो बातों को उसकी नाकामी से क्यों जोड़ रहे विशेषज्ञ?

पहली बातः रूस ने पिछले हफ्ते कहा था कि यूक्रेन में उसके सैन्य अभियान का पहला चरण पूरा हो गया है और अब उसका मकसद डोनबास को पूरी तरह से आजाद कराने पर है.

डोनबास पूर्वी यूक्रेन का वही प्रांत है जहां 2014 से रूस समर्थित अलगाववादियों और यूक्रेनी सेना के बीच संघर्ष जारी है. यहां के डोनेत्स्क और लुहांस्क को पुतिन ने जंग शुरू होने से पहले ही स्वतंत्र देश की मान्यता दे दी थी.

एक्सपर्ट मान रहे हैं कि कीव पर कब्जा करने में रूसी सेना नाकाम रही है, इसलिए अब वो अपना ध्यान डोनबास पर लगा रही है.

दूसरी बातः तुर्की की राजधानी इस्तांबुल में मंगलवार को तीन घंटे तक चली बातचीत के बाद रूस थोड़ा नरम दिखा. रूस ने कीव और चेर्नीहिव में सैन्य गतिविधियां कम करने का वादा किया है.

इसके साथ ही पुतिन और जेलेंस्की के बीछ बैठक की संभावना भी जताई है. हालांकि, अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन का कहना है कि रूसी सेना वापस नहीं जा रही है, बल्कि अपनी जगह बदल रही है.

अमेरिकी रक्षा विशेषज्ञ ने भी कहा है कि रूस ने उन जगहों पर सैन्य गतिविधियां कम करने की बात कही है, जहां वो कमजोर पड़ रही है. यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने भी कहा है कि रूस की बात पर भरोसा करने की कोई वजह नहीं है.

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