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भिलाई के इतिहास में एक अध्याय और जुड़ा…

जम्मू में अंजी नदी में बन रहा ब्रिज के मटेरियल की   कर रही सप्लाई एटमास्टको कंपनी

दुर्ग – जम्मू के अंजी नदी में 1000 करोड़ की लागत से देश का पहला रेलवे केबल स्टैड ब्रिज बनाया जा रहा है। इस ब्रिज का मटेरियल बिरेभाट में एटमास्टको कंपनी द्वारा तैयार किया जा रहा है आज इसके पहले स्टॉक की पहली खेप रवाना की गई।

भिलाई के इतिहास में एक अध्याय और जुड़ा...

इस मौके पर कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे, एसपी श्री प्रशांत ठाकुर एवं कंपनी के डायरेक्टर कंपनी के एमडी श्री एस स्वामीनाथन उपस्थित थे। इन्होंने हरी झंडी दिखाकर पहला खेप रवाना किया अंजी नदी में बनने वाला यह केबल स्टैड ब्रिज देश का पहला ब्रिज है और अपनी तरह का अनोखा ब्रिज है यह दो पहाड़ों के बीच में बनाया जाएगा। इसकी कुल लंबाई 473 मीटर होगी। इस तरह का यह पहला ब्रिज देश का है। इसमें बेहद खास तकनीक का उपयोग हो रहा है और देश के जाने-माने इंजीनियर इसकी डिजाइन में और इसकी मैन्युफैक्चरिंग में लगे हुए हैं।इसका निर्माण 2022 तक हो जाएगा। कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि आज इसका पहला खेप रवाना किया गया है।

भिलाई के इतिहास में एक अध्याय और जुड़ा...

समय समय पर आवश्यकता के मुताबिक खेप तैयार कर भेजा जाएगा। यह जिले के लिए और प्रदेश के लिए बड़े गौरव की बात है कि हमारे दुर्ग जिले में बना हुआ स्ट्रक्चर देश के पहले रेलवे ब्रिज मे काम आएगा और देश के गौरवशाली इतिहास का यह पन्ना दुर्ग के मटेरियल से लिखा जाएगा।

भिलाई के इतिहास में एक अध्याय और जुड़ा...

इस मौके पर कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने एटमास्टको की टीम को बधाई देते हुए कहा कि बेहद कम समय में आपने यह कमाल किया है। इस तरह से इंजीनियरिंग में जो आप लोगों ने विशेषज्ञता दिखाई है वह प्रशंसनीय है। देश के पहले केबल स्टएड ब्रिज में आपकी जो मेहनत लगी है वह काबिले तारीफ है । हम आशा करते हैं कि आप सभी मेहनत से और लगन से समय पर मटेरियल की सप्लाई करते रहेंगे और देश का यह पहला केबल स्टैड ब्रिज तैयार होगा यह ब्रिज हमेशा इंजीनियरिंग की महारत बताता रहेगा। कलेक्टर ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि श्रीनगर को रेलवे कनेक्टिविटी से जोड़ना बड़ी तकनीकी चुनौती है। यह आप लोग अपनी विशेषज्ञता से कर पा रहे हैं। यह बड़ी बात है।

शुभकामना बोल-
एसपी श्री प्रशांत ठाकुर ने इस मौके पर शुभकामना देते हुए कहा कि जम्मू श्रीनगर के बीच बनने वाले इस खास ब्रिज में हमारी भिलाई की विशेषज्ञता शामिल है। यह गौरव की बात है।


शुगर मिल के अनुभव साझा किए

प्रोजेक्ट में अपना योगदान देने वाले अधिकारियों श्रमिको को सम्मानित करते हुए कलेक्टर ने कहा कि सबके योगदान से ही बड़ी चीज तैयार होती है। जब शुगर मिल कवर्धा में बना तो सब तैयार था। बैंगलोर से नट बोल्ट आनी थी। उसकी वजह से काम 15 दिन तक रुका। यह बताता है कि हर छोटी चीज की भी कितनी बडी भूमिका होती है।

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