रूस-यूक्रेन युद्ध की ‘भेंट चढ़े’ मध्य पूर्व के देश, मिस्र का हो गया ये हाल…
काहिरा. यूक्रेन में छिड़े युद्ध को एक महीना हो चुका है और अब इसका प्रभाव मध्य-पूर्व पर पड़ने लगा है. मध्य-पूर्व के कई देशों में सरकारों पर दबाव बन रहा है. मिस्र के प्रधानमंत्री मुस्तफा मदबौली ने सोमवार को एक कैबिनेट बैठक के दौरान यूक्रेन में रूस के युद्ध के आर्थिक प्रभाव का जिक्र करते हुए कहा,
‘ये संकट कोरोना वायरस संकट से काफी अधिक गंभीर हो सकता है.’ युद्ध की वजह से वैश्विक तेल की कीमतों में इजाफा हुआ है. इसके अलावा, अनाज की कीमतों में भी इजाफा हुआ है. मध्य-पूर्व के देश अनाज के लिए रूस और यूक्रेन दोनों पर निर्भर हैं. ऐसे में इस क्षेत्र के देशों की मुसीबत बढ़ गई है.
पूर्ववर्ती युद्ध की वजह से पैदा हुए प्रभाव से जूझ रहे मिस्र और अन्य मध्य पूर्वी देशों के लिए यह चिंता का विषय है. सिर्फ 10 साल पहले, पूरे क्षेत्र में हुई अरब स्प्रिंग क्रांति ने लंबे समय से राज कर रहे तानाशाहों को पद छोड़ने पर मजबूर किया.
ये क्रांति जरूरी चीजों की कीमतों में हुए इजाफे को लेकर भी हुई थी. ‘रोटी, स्वतंत्रता, सामाजिक न्याय!’ अरब स्प्रिंग क्रांति के दौरान मिस्र की सड़कों पर सबसे लोकप्रिय नारों में से एक था.
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