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जिसका कोई नहीं उसका तो खुदा है यारों,  पढ़ें पूरी खबर…

बिन मां–बाप की बेटी की शादी करवा कर मोहल्लेवालों ने अनुसरण हेतु मिसाल कायम की.

भिलाई – सुपेला के वार्ड -12 सड़क – 7 पांच रास्ता में रहने वाली मनीषा यादव, जिसके सिर से पिता का साया दो साल पहले ही उठ गया था और कोरोना काल ने उसे मां की ममता से भी वंचित कर डाला।

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इस तरह एक बिन मां – बाप की बेटी की जिंदगी सही राह देने और जीवन जीने का उद्देश्य देने के लिए मोहल्ले के लोगों ने मिलकर उसकी शादी करवाकर दूसरों के लिए जबरदस्त उदाहरण प्रस्तुत किया। मोहल्ले वासियों ने शादी के लिए रिश्ता तय करने से लेकर नव दम्पत्ति के रूप में गृहस्थी शुरू करने के लिए जरूरी सामान की भी व्यवस्था मिलकर की।

मनीषा यादव के लिए आज का दिन यादगार लम्हों में दर्ज हो गया। मनीषा की शादी परिया पारा, जुनवानी के अनिल यादव के साथ कोविड गाइडलाइन का पालन करते हुए वैदिक मंत्रों के बीच संपन्न हुआ। मनीषा की दो बड़ी बहनें शादी के बाद अपने – अपने ससुराल में रहतीं है। जहां मनीषा की शादी में दोनों बहनों के साथ कुछ नजदीकी रिश्तेदार भी शामिल हुए, वहीं मोहल्लेवासियों ने घराती की भूमिका निभाकर एक अनुकरणीय मिसाल पेश की।

ज्ञातव्य है कि दो साल पहले पिता तिहारू यादव के निधन के बाद मनीषा अपनी मां संवारिन बाई झिल्ली-कचरा बीन कर अपना और मनीषा का पेट पाल रही थी कि मौत ने इसी कोरोना काल में 6 अप्रैल को संवारिन बाई अपना ग्रास बना कर मनीषा को इस दुनिया में अकेला कर दिया। अकेली लड़की की सुरक्षा को देखते हुए मोहल्ले के महिला और पुरूष पालक बन गए लेकिन चिंता बनी रही। जब मोहल्ले वालों को खबर लगी कि उसकी मां के रहते एक लड़का शादी के लिए मनीषा को देखने आया था तब मोहल्ले के कुछ वरिष्ठ लोगों ने उस लड़के यानि अनिल के परिवार वालों से संपर्क किया और परिणामस्वरूप मनीषा और अनिल परिणय सूत्र के बंधन में आबद्ध हो गए.

नव दम्पत्ति को गृहस्थी शुरू करने के लिए जरूरी सामान में दिनेश शुक्ला एवं डॉ. विमल ने एक गैस कनेक्शन, सुखराम प्रोडक्ट के संचालक ने आलमारी, विजय गुप्ता ने कुलर, दिलीप टंडन ने पलंग, शुभांक ने गद्दा, राजीव गुप्ता ने ड्रेसिंग टेबल और नमन फाउंडेशन की ओर से मिक्सी व टिफिन डिब्बा उपहार स्वरूप प्रदान किया गया। टेंट पंडाल की व्यवस्था सतीश खन्ना की तरफ से किया गया और भोजन की पूरी व्यवस्था वार्ड पार्षद एवं जोन अध्यक्ष भोजराज भोजू द्वारा किया गया।

नहीं खली माता पिता की कमी – मनीषा
दुल्हन मनीषा ने कहा कि मोहल्ले के सभी लोगों ने जिस आत्मीयता के साथ उसकी शादी का जिम्मा उठाया, उससे जीवन के इस खास अवसर पर उसे अपने माता पिता की कमी का अहसास नहीं हुआ. कोरोना काल में मां गुजर गई तो मोहल्ले में ही अनेक माताएं मिल गई. बड़े बुजुर्गों ने उसे पिता के नहीं रहने का भी अहसास होने नहीं दिया.

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