छत्तीसगढ़दुर्ग

कामधेनु विश्वविद्यालय में 10 दिवसीय कड़कनाथ एवं अन्य मुर्गियों के पालन प्रशिक्षण कार्यक्रम का हुआ समापन

दुर्ग / दाऊ वासुदेव चंद्राकर कामधेनु विश्वविद्यालय, दुर्ग एवं सशस्त्र सीमा बल विशेष अभियान,भिलाई, 28 बटालियन अंतागढ़ एवं 33 बटालियन केवटी तथा कृषि विज्ञान केंद्र, कांकेर, नाबार्ड तथा स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के संयुक्त तत्वाधान में दिनांक 6 मार्च 2022 से 16 मार्च 2022 तक कड़कनाथ एवं अन्य मुर्गियों के पालन प्रशिक्षण कार्यक्रम ।

पशुचिकित्सा एवं पशुपालन महाविद्यालय, अंजोरा में समापन के अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ.एन.पी.दक्षिणकर, सुधीर कुमार डी.आई.जी. सशस्त्र सीमा बल विशेष अभियान, भिलाई अधिष्ठाता डॉ.एस.के. तिवारी, निदेशक शिक्षण डॉ. एस.पी.इंगोले, निदेशक विस्तार शिक्षा डॉ.आर.पी. तिवारी, अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ.संजय शाक्य,  निदेशक कामधेनु पंचगव्य संस्थान।

डॉ.के.एम.कोले, छत्तीसगढ़ शासन पशुधन विकास विभाग के अतिरिक्त संचालक डॉ. के.के.ध्रुव, कुलसचिव डॉ.आर.के.सोनवाने,  सशस्त्र सीमा बल मुख्यालय दिल्ली के आई.जी. पी.के.गुप्ता, आनलाइन मोड में, कमान्डेंट अशोक ठाकुर, कमान्डेंट कमल यादव, एन.सी.सी. के कर्नल डॉ.उपासने,  कुलपति जी के तकनीकी अधिकारी डॉ नितिन गाड़े, निजी सहायक संजीव जैन, विश्वविद्यालय जनसंपर्क।

अधिकारी डॉ. दिलीप चौधरी, प्राध्यापकगण, प्रशिक्षणार्थी एवं सशस्त्र सीमा बल के जवानों की गरिमामय उपस्थिति में किया गया। इस अवसर पर दीप प्रज्वलित कर अतिथियों का पुष्पगुच्छ से स्वागत कर प्रशिक्षण की महत्ता का ब्यौरा प्रस्तुत किया गया । अधिष्ठाता डॉ.एस.के.तिवारी ने प्रशिक्षण के महत्व पर प्रकाश डालते हुए।

कहा कि विगत वर्षों में महाविद्यालय द्वारा बटेर, टर्की,वनराजा एवं कड़कनाथ पालन पर ग्रामीण अंचलों में प्रशिक्षण दिया जा रहा है । इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में सुदूर अंचल केवटी एवं अंतागढ़ क्षेत्र से 36 प्रशिक्षणार्थियों ने कड़कनाथ एवं अन्य मुर्गियों के पालन पर तकनीकी एवं व्यवहारिक ज्ञान प्राप्त कर प्रशिक्षणार्थी भगत सिंह पटेल, सुरेश कुमार मंडावी, सुश्री सरिता उसेण्डी, सुश्री रानी गोटा ने प्रशिक्षण में प्राप्त अपने अनुभवों को साझा करते हुए।

बताया कि इस प्रशिक्षण में हमें कम से कम लागत में मुर्गी पालन कैसे किया जावें ताकि अपने जीवन शैली में सुधार लाया जा सके । राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त छत्तीसगढ़ी लोक कलाकार श्रीमती रजनी रजक ने कहा कि गौरवमयी समाज के लिए उठाया गया यह कदम सराहनीय है, इससे छत्तीसगढ़ और अधिक समृद्ध होगा।

विश्वविद्यालय एवं सशस्त्र सीमा बल के संयुक्त प्रयास से विश्व के मानचित्र पर छत्तीसगढ़ का नाम होगा । श्रीमती रजनी रजक ने छत्तीसगढ़ के राजकीय गीत एवं होली गीत तथा अपने सुविचारों से कार्यक्रम में समा बांध दिया । प्रशिक्षणार्थियों द्वारा लोक नृत्य की मनमोहक प्रस्तुति दी गई।

प्रशिक्षण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ.ओ.पी.दीनानी, डॉ.मीनू दुबे, डॉ. ओसामा कलीम, डॉ.रैना दौनेरिया, डॉ. रुपल पाठक, डॉ.दीप्ति किरण बरवा को प्रशस्ति पत्र तथा प्रशिक्षणार्थियों को सहभागिता प्रमाण पत्र का वितरण किया गया । कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ.एन.पी.दक्षिणकर ने प्रशिक्षणार्थियों के मंगल भविष्य की कामना करते हुए।

अपने संबोधन में कहा कि यह एक सुनहरा क्षण है दूरस्थ अंचल में जाकर प्रशिक्षणार्थियों को उनकी आर्थिक उन्नति के बारे में सोच कर उन्हें  स्वरोजगार के लिए प्रेरित करना सशस्त्र सीमा बल विशेष अभियान, भिलाई द्वारा एक सराहनीय कार्य है । प्रशिक्षणार्थियों को तकनीकी एवं प्रायोगिक ज्ञान दिया गया है ।

उसे वे पूर्ण निष्ठा एवं लगन के साथ स्वरोजगार के इस मुर्गी पालन प्रशिक्षण को मूर्त रूप प्रदान कर अपनी आय में वृद्धि कर सकते हैं। कार्यक्रम का संचालन डॉ.के.डी. काम्बले सहायक कमांडेंट एवं अरविंद कुमार कमांडेंट 28 बटालियन ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

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