दिमागी बीमारी अल्जाइमर का महिलाओं में पुरुषों से दोगुना खतरा – स्टडी
Women Are More Susceptible To Alzheimer’s : बुढ़ापे में होने वाली भूलने की बीमारी अल्जाइमर) दुनिया के लिए गंभीर समस्या बनती जा रही है. पश्चिमी देशों में 50 के बाद अधिकांश लोग इस बीमारी के शिकार हो जाते हैं. इसमें याददाश्त कमजोर होने लगती है और अक्सर लोग भूलने लगते हैं.
इस बीमारी का अब तक कोई ठोस इलाज नहीं है. कुछ थेरेपी की मदद से इसे काबू में लाने की कोशिश की जाती है, लेकिन पूरी तरह से इस बीमारी को वैज्ञानिक समझ भी नहीं पाए हैं. महामारी विज्ञान से जुड़े पूर्व के अध्ययनों से पता चल चुका है कि पुरुषों के मुकाबले महिलाओं को अल्जाइमर का खतरा दोगुना होता है, लेकिन इसका कारण अब तक अस्पष्ट था.
इस स्टडी का निष्कर्ष मेडिकल जर्नल ‘नेचर’ में प्रकाशित किया गया है. बता दें कि अल्जाइमर एक ऐसी बीमारी है, जिमें व्यक्ति धीरे-धीरे सब कुछ भूलने लगता है.
चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंसेज के शेनझेन इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस टेक्नोलॉजी के प्रोफेसर केकियांग ये के नेतृत्व में की गई स्टडी में दशकों से लोगों को हैरान करने वाले इस रहस्य के बारे में बताया गया है.
क्या कहते हैं जानकार
अपनी पिछली स्टडीज को एकीकृत करते हुए प्रोफेसर ये की टीम ने ये सिद्धांत स्थापित किया है कि एक प्रकार का एंजाइम सी/ईबीपी β/एईपी मार्ग न्यूरोडीजेनेरेटिव रोग को कंट्रोल करने वाला मुख्य कारक है. प्रोफेसर ये ने कहा, ‘हमारी टीम ने महिला हार्मोन की खोज की है, जो मेनोपोज के दौरान नाटकीय रूप से बदल जाता है.
इसके बाद टेस्ट किया गया कि कौन सा हार्मोन सी/ईबीपी β/एईपी मार्ग को सक्रिय यानी एक्टिव करता है.’ इस टीम ने प्रमुख रोगजनक कारक के रूप में फालिसिल-स्टिमुलेटिंग हार्मोन की पहचान की है, जो अल्जाइमर की बीमारी को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाता है.
न्यूयार्क स्थित माउंट सिनाई स्कूल ऑफ मेडिसिन के प्रोफेसर और इस स्टडी के मेन को-ऑथर डॉ. जैदी मोन (Mone Zaidi) का कहना है कि मेनोपॉज के दौरान एफएसएच का सीरम कन्सनट्रेशन बहुत तेजी से बढ़ता है, जो न्यूरोन पर एफएसएच रिसेप्टर को रोक कर रखने का काम करता है, जिससे C/EBPb/AEP सक्रिय हो जाते हैं। इसके परिणास्वरूप एबी और टाऊ विकृतियां विकसित हो जाती हैं, जो आगे चलकर अल्जाइमर का कारण बनती है.
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