हेल्‍थ

कभी उल्टा चलकर भी देखें, शारीरिक और मानसिक रूप से होंगे सेहत को जबरदस्त फायदे…

आप हेल्दी रहने के लिए प्रतिदिन टहलते होंगे ताकि शरीर में ब्लड सर्कुलेशन सही बना रहे. मांसपेशियों और हड्डियों को मजबूती मिले. आमतौर पर ये सभी लाभ पाने के लिए लोग सीधा यानी आगे की तरफ ही धीरे या तेजी से चलते-टहलते हैं, लेकिन क्या कभी आपने उल्टा टहलने की कोशिश की है.

बेशक, आपको यह बात हैरान कर रही होगी कि कोई उल्टा कैसे टहल या चल सकता है, लेकिन उल्टा चलकर देखिए, सेहत को इससे कई तरह के फायदे होते हैं. टहलने से कई तरह की समस्याएं दूर होती हैं, आप डायबिटीज, मोटापा, हाई ब्लड प्रेशर, किडनी डिजीज, कई तरह के कैंसर आदि से बचे रहते हैं. पीछे या उल्टा चलने के भी कई तरह के शारीरिक और मानसिक फायदे होते हैं, जिनके बारे में हम आपको यहां बता रहे हैं.

उल्टा चलने के फायदे

  • जब आप उल्टा चलते हैं या रिवर्स वॉक करते हैं, तो आपके घुटनों का दर्द जल्दी दूर हो सकता है. पीछे चलने से घुटनों में मौजूद स्ट्रेस कम होता है. इससे सूजन कम होती है.
  • उल्टा चलने से आपके पैरों को अधिक मजबूती मिलती है, क्योंकि पीछे चलने के दौरान अधिक ताकत लगानी पड़ती है. इससे पैरों की आगे-पीछे दोनों ही तरफ की मांसपेशियों का एक्सरसाइज होता है, उन्हें ताकत और मजबूती मिलती है.
  • यदि आपको पीठ या कमर का दर्द परेशान करता है, तो उल्टा चलकर देखें. इन भागों की मांसपेशियों में आया खिंचाव दूर होता है. कमर और रीढ़ की हड्डियां मजबूत होती हैं. कमर दर्द दूर होता है. प्रतिदिन 10 मिनट उल्टा चलने का अभ्यास करके देखें, शरीर के कई दर्द दूर होंगे.
  • पैरों की उन मांसपेशियों को ताकत मिलती है, जिनका अधिक इस्तेमाल नहीं होता है. घुटनों में किसी भी तरह की चोट, दर्द को ठीक करता है. शारीरिक बैलेंस बनाने में मदद मिलती है. शरीर की अतिरिक्त कैलोरी तेजी से बर्न होती है. वजन कंट्रोल करने में मदद मिलता है. शरीर की एनर्जी लेवल बढ़ती है. साथ ही मेटाबॉलिज्म भी बूस्ट होता है. जब आप उल्टा चलते हैं, तो मांसपेशियों और हड्डियों को ताकत और मजबूती मिलती है.उल्टा चलने के मानसिक सेहत पर होने वाले फायदे

    हेल्थलाइनकी खबर के अनुसार, उल्टा चलने से शरीर के साथ ही मानसिक सेहत को भी कई तरह से लाभ पहुंचता है. जब आप पीछे की तरफ चलते हैं, तो अलग-अलग मांसपेशियों को लाभ होता है. आप फोकस करने के लिए अपने दिमाग को फोर्स करते हैं. इसके अलावा ये निम्न लाभ भी होते हैं:

    • शरीर के प्रति अधिक जागरूक होने की भावना आती है
    • शारीरिक समन्वय और गति में वृद्धि
    • वर्कआउट से होने वाली बोरियत से बचाता है
    • संपूर्ण मनोदशा में सुधार करता है
    • नींद में सुधार करता है
    • आप अपने कम्फर्ट जोन से बाहर निकलते हैं
    • दृष्टि में सुधार करता है
    • सोचने-समझने की क्षमता को तेज करता है, कॉग्निटिव कंट्रोल को बढ़ाता है                                                                                                                                                                                                                                                        संपूर्ण खबरों के लिए क्लिक करे                                                                                                                                   http://jantakikalam.com

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