छत्तीसगढ़दुर्ग

स्वावलंबन के साथ ही तेजी से आर्थिक विकास को रखें समूह का लक्ष्य…

– गौठानों का निरीक्षण किया अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू एवं कृषि सचिव भारतीदासन ने, स्व-सहायता समूहों की महिलाओं से मिले

– कहा गौठान का मॉडल तेजी से आर्थिक विकास का मॉडल, नवाचार अपनाएं और कड़ी मेहनत करें, तेजी से होगा आर्थिक विकास

दुर्ग / अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू एवं कृषि सचिव भारतीदासन ने आज दुर्ग जिले में धमधा एवं पाटन के गौठानों का निरीक्षण किया। यहां वे स्व-सहायता समूहों की महिलाओं से मिले। अरसनारा, नारधा, कुम्हारी आदि के गौठानों में उन्होंने विविध आजीविकामूलक गतिविधियों का निरीक्षण किया।

पाटन ब्लाक में अरसनारा की महिलाओं ने उन्हें बताया कि यहां दो स्व-सहायता समूह काम करते हैं और दो लाख 45 हजार रुपए का लाभ बाड़ी के माध्यम से अर्जित कर चुके हैं। इन्होंने ब्रोकली जैसे नये दौर की फसल भी लगाई है। एसीएस ने कहा कि यहां के गौठान की खूबी है कि पूरी जगह का बेहतर तरीके से उपयोग किया गया है।

सीजन के मुताबिक सब्जी लगाई जा रही है। यह साल भर आय होने का रास्ता खोलता है। उन्होंने लिमतरा में बाड़ी भी देखी। यहां 21 एकड़ जमीन को सामुदायिक बाड़ी के रूप में विकसित किया जा रहा है। अधिकारियों ने दो एकड़ जमीन में टमाटर की फसल का निरीक्षण किया। महिलाओं ने बताया कि हर दिन टमाटर बेच रहे हैं और बंपर उत्पादन हुआ है। समूह की महिलाओं ने बताया कि केवल टमाटर बेचकर उन्होंने एक लाख रुपए का लाभ जुलाई महीने से अब तक कमा लिया है।

अधिकारियों ने बताया कि यहां 5 एकड़ स्प्रिंकलर को और विस्तार दिया जा रहा है। एसीएस ने समूह की महिलाओं से कहा कि शासन आपको अधोसंरचना उपलब्ध करा रहा है। तकनीकी मार्गदर्शन भी उपलब्ध करा रहा है। आपके पास आगे बढ़ने की असीमित संभावना है। समूह की महिलाओं ने कहा कि पहली बार में थोड़ा सा पैच लेकर प्रयोग किया था। इसे सफलता मिली और अब इसका विस्तार करेंगे। निरीक्षण के मौके पर कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे, एसएसपी बद्रीनारायण मीणा और जिला पंचायत सीईओ अश्विनी देवांगन भी मौजूद थे।

सी-मार्ट में करें डिस्प्ले- अरसनारा में भगवती स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने बताया कि गौठान में मसाले बनाये जा रहे हैं। एसीएस ने मसालों का दाम पूछा। महिलाओं ने बताया कि दुकान में इसे आसानी से 250 रुपए में खरीद लेते हैं। एसीएस ने सलाह दी कि आप बाजार में इसका रेट पता करें और देखें कि कौन ज्यादा मार्जिन कमा रहा है। बाजार पर जितनी ज्यादा आपकी नजर रहेगी, आप उतनी ही तरक्की करेंगे। उन्होंने कहा कि गौठानों में जैविक खाद से सामग्री बन रही हैं। इनकी शहरी मार्केट में काफी डिमांड होगी। सी-मार्ट में भी इन्हें डिस्प्ले करें।

कुम्हारी में देखी केले की बाड़ी, इससे बने चिप्स बाजार में बेचे जाएंगे, डीएमएफ से दोना-पत्तल, अगरबत्ती बनाने दी गई मशीन- कुम्हारी गौठान में बहुत सी आजीविकामूलक गतिविधि चलाई जा रही हैं। इनमें केले और आम की बड़ी बाड़ी लग गई है। यहां की वृहत केला बाड़ी से चिप्स बनाकर बाजार में बेचे जाएंगे।

जलजीवन मिशन का काम भी देखा- एसीएस ने ग्राम तर्रा, खेरधी में जलजीवन मिशन का काम भी देखा। उन्होंने कहा कि तय समयसीमा में तथा गुणवत्तापूर्ण ढंग से जिले के सभी कामों को पूरा करें। पाइपलाइन लगाये जाने के साथ ही कनेक्शन भी प्रदान करें ताकि लोगों की ओर से विलंब की किसी तरह की शिकायत न आये।

दिये सुझाव और निर्देश- एसीएस ने प्रमुख रूप से जिन बातों को चिन्हांकित किया, उनमें से अलग-अलग गौठानों में अलग तरह की आजीविकामूलक गतिविधियों का चयन था। उन्होंने कहा कि केवल स्वावलंबन ही लक्ष्य नहीं होना चाहिए, स्व-सहायता समूहों की आय में तेजी से वृद्धि हो, ऐसा माडल बनायें जिससे लगातार लोग रुचि के साथ काम करेंगे और नये लोग भी जुड़ेंगे।

साथ ही उन्होंने कहा कि एक समूह को एक ही काम में लगाया जाए तो ज्यादा बेहतर नतीजे मिलेंगे। उन्होंने कहा कि वर्मा कंपोस्ट का तेजी से उत्पादन जरूरी है। इसके साथ ही बाजार में इसकी खपत भी जरूरी है। यदि दोनों काम तेजी से होंगे तो गोधन न्याय योजना की साइकिल मजबूत होती जाएगी और योजना से जुड़े अधिकाधिक लाभ लोगों को मिलेंगे। आजीविकामूलक गतिविधि का अधिकाधिक विस्तार करें। समूहों का लाभ हो रहा है उन्हें इसका एकाउंट बैलेंस रखना भी सिखायें।

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