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बीमा कंपनियों ने दी बड़ी जानकारी, इस नियम से राहत…

नई दिल्ली: देश कोविड-19 की गिरफ्त से धीरे-धीरे बाहर निकल रहा है. इसी को देखते हुए इंश्योरेंस कंपनियों ने अपने पॉलिसी होल्डर्स के लिए राहत उपायों का ऐलान किया है. अब आप कोविड-19 से रिकवर होने के तुरंत बाद हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीद पाएंगे.

नियम में यह बदलाव काफी अहम है क्योंकि कई इंश्योरेंस कंपनियों ने यह शर्त रख दी थी कि कोविड-19 से संक्रमित होने के बाद एक खास समय के वेटिंग पीरियड के बाद ही कोई व्यक्ति हेल्थ इंश्योरेंस खरीद पाएगा. कंपनियों ने 30 दिन से लेकर छह महीने तक का नोटिस पीरियड तय किया था. अब इस नियम में कंपनियों ने छूट देने का ऐलान किया है.

लक्षणों के कम गंभीर होने से घटा कुलिंग ऑफ पीरियड

जनवरी में जब कोविड-19 के मामलों में लगातार तेजी आ रही थी तो इंश्योरेंस कंपनियों ने 1-6 महीने का कुलिंग ऑफ पीरियड तय करना शुरू कर दिया था. इंश्योरेंस कंपनियां क्लेम और अंडरराइटिंग के नजरिए से भी इसके असर को समझने की कोशिश कर रही थीं. इस बार कोविड-19 के Mild रहने और अस्पताल में भर्ती कराए जाने की जरूरत कम होने के कारण इंश्योरेंस कंपनियों ने कुलिंग ऑफ पीरियड घटाना शुरू कर दिया है.

जानिए इंडस्ट्री और एक्सपर्ट्स की राय

Niva Bupa Health Insurance के डायरेक्टर (अंडरराइटिंग, प्रोडक्ट्स एंड क्लेम्स) बी मिश्रा ने कहा, “कोविड-19 इंफेक्शन के असर को लेकर जैसे-जैसे सूचनाएं आती हैं, हम कोविड-19 से संक्रमित लोगों के लिए तय किए गए कुलिंग ऑफ पीरियड का रिव्यू करते रहते हैं.

जिन मरीजों को कोविड-19 की वजह से अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत नहीं पड़ी थी, उनके लिए कुलिंग ऑफ पीरियड को घटाकर अब जीरो डेज कर दिया गया है. वहीं, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था, उसके लिए यह अब भी 30 दिन है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि उनका मामला ज्यादा गंभीर था.”

कोविड-19 के लिए अलग से कुलिंग ऑफ पीरियड खत्म

पॉलिसी बाजार के बिजनेस हेड (हेल्थ) अमित छाबड़ा ने कहा, “पहले छह महीने तक का कुलिंग ऑफ पीरियड हुआ करता है और अब काफी कम रह गया है. अब कोविड-19 से संक्रमित होने के बाद भी आप अपने लिए हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीद सकते हैं.

कुलिंग ऑफ पीरियड को 30 दिन से घटाकर 7 दिन करने के साथ इसमें कमी की शुरुआत हुई थी. अब यह लगभग जीरो हो गया है और निवा बुपा और केयर हेल्थ इस तरह के ऑफर दे रहे हैं. कोविड के लिए अलग से कोई कुलिंग ऑफ पीरियड नहीं है, जो पहले हुआ करता था.”

मिश्रा ने कहा कि कोविड-19 की पहली और दूसरी लहर के दौरान बीमारी की गंभीरता में लगातार बदलाव हो रहे थे और हम रिकवरी के बाद कोई लोगों में कई तरह की जटिलताएं देख रहे थे. बीमारी की छोटी अवधि, मध्यम अवधि और लंबी अवधि की जटिलताओं को समझने के लिए बहुत सीमित वैज्ञानिक डेटा उपलब्ध थे. इन चीजों को लेकर अब काफी डेटा अवेलेबल है. उन्होंने कहा कि तीसरी लहर के बाद कुलिंग ऑफ पीरियड को घटाने का निर्णय किया गया है.

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