किसानों के लिए कल्याणकारी इस योजना को मिले 4,600 करोड़ और माेदी सरकार ने समय भी बढ़ाया
‘प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना’ (पीएमकेएसवाई) को 4,600 करोड़ रुपये आवंटन के साथ मार्च, 2026 तक बढ़ा दिया गया है। यह जानकारी खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय ने सोमवार को दी। मंत्रालय ने ट्विटर पर लिखा है कि पीएमकेएसवाई को 2021-22 से 2025-26 तक बढ़ा दिया गया है। केंद्र सरकार ने योजना के लिये 4,600 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।
पीएमकेएसवाई एक व्यापक योजना है जो खेत से खुदरा दुकानों तक कुशल आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन के साथ आधुनिक बुनियादी ढांचे के निर्माण में योगदान देगी। मंत्रालय के अनुसार, यह योजना खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के विकास को बढ़ावा देगी। साथ ही किसानों को बेहतर मूल्य प्रदान करने और रोजगार के बड़े अवसर पैदा करने में भी मददगार होगी।
केंद्र ने मई, 2017 में 6,000 करोड़ रुपये के आवंटन के साथ संपदा (कृषि-समुद्री प्रसंस्करण और कृषि-प्रसंस्करण संकुलों के विकास की योजना) योजना शुरू की थी। अगस्त, 2017 में इस योजना का नाम बदलकर पीएमकेएसवाई कर दिया गया।
भारत ने अक्टूबर-जनवरी में 30.68 लाख टन चीनी निर्यात किया: उद्योग
चीनी मिलों ने एक अक्टूबर से शुरू मौजूदा विपणन वर्ष में 30.68 लाख टन चीनी का निर्यात किया। उद्योग संगठन ऑल इंडिया शुगर ट्रेड एसोसिएशन (एआईएसटीए) ने सोमवार को एक बयान में कहा कि इसमें से 6.32 लाख टन चीनी निर्यात को लेकर ले जाने की प्रक्रिया में है।
एआईएसटीए के अनुसार, मिलों ने विपणन वर्ष 2021-22 (अक्टूबर-सितंबर) में अब तक बिना सरकारी सब्सिडी के 46 लाख टन चीनी निर्यात का अनुबंध किया है। इस साल चीनी निर्यात बिना सरकार की सब्सिडी के किया जा रहा है।
बयान के अनुसार, मिलों ने इस साल अक्टूबर, 2021 से जनवरी, 2022 तक कुल 30,68,697 टन चीनी का निर्यात किया। संगठन ने कहा, ”भारतीय चीनी मिलों को अपनी चीनी पर अच्छा दाम मिलना जारी है। उन्होंने 19.5 से 20 सेंट (एक सेंट बराबर 0.71 रुपया) प्रति पाउंड (एक पाउंड बराबर 0.45 किलो) की सीमा में चीनी बेची है।”
महाराष्ट्र और कर्नाटक में मिलों ने कच्ची चीनी 31-31.80 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बेची है। संगठन के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय बाजार में चीनी की कीमत 18.25 सेंट प्रति पाउंड है।
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