
रेलवे अभ्यर्थियों ने एक अन्य आपत्ति मेडिकल स्टैंडर्ड को लेकर जताई है। आरआरबी ग्रुप डी ने एक लाख तीन हजार पदों की भर्ती के लिए ऑफिशियल नोटिफिकेशन में जो मेडिकल स्टैंडर्ड 2019 में दिये, बोर्ड ने 3 साल बाद 2022 में उसे बदल दिया है। छात्रों का कहना है कि तीन वर्षों में किसी भी व्यक्ति का मेडिकल स्टैंडर्ड घटता ही है। ऐसे में जब विद्यार्थियों ने आवेदन फॉर्म भरे, उसमें विद्यार्थी अपनी शारीरिक क्षमता के हिसाब से अपने पोस्ट प्रिफरेन्स का चयन किया था।
एकाएक मेडिकल स्टैंडर्ड को बदलने से दिक्कत होगी। अभ्यर्थियों का कहना है कि यदि बदलाव करना ही है तो पोर्टल खोला जाए ताकि अभ्यर्थी अब की शारीरिक दक्षता के हिसाब से पद का चयन करें।
इसके अलावा ईडब्ल्यूएस वर्ग के छात्र ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट से जुड़े मामले भी बोर्ड के समक्ष उठा रहे हैं। जब विज्ञापन 2019 में निकाला गया था, उसी समय का ईडब्ल्यूएस का सर्टिफिकेट मांगा जा रहा है। जब नया नियम बना था, उस वक्त सर्टिफिकेट बनने में समस्या हो रही है। छात्रों ने आवेदन करते वक्त ईडब्ल्यूएस भर दिया था पर नियुक्ति के वक्त उस समय का सर्टिफिकेट नहीं रहने पर अभ्यर्थियों को हटा दिया जाएगा। इस मसले पर कई छात्रों को छूट देने का आवेदन दिया है।
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