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पतोरा ट्रीटमेंट प्लांट से आस-पास के नगरीय निकाय और ग्रामीण क्षेत्रों को मिली बड़ी सुविधा

कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने किया निरीक्षण

दुर्ग / कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने आज पाटन विकासखंड के ग्राम पंचायत पतोरा में निर्मित स्लट ट्रीटमेंट प्लांट का मुआयना किया। उन्होंने यहां पहुंच कर प्लांट में ट्रीटमेंट की तकनीकी बारीकियों को जाना। जिला पंचायत सीईओ  अश्विनी देवांगन ने कलेक्टर को बताया कि छत्तीसगढ़ का यह ग्रामीण क्षेत्रों में इस तरह का प्रथम फिकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट है। इसके माध्यम से आसपास के गांवों और नगरीय निकायों के स्लज ट्रीटमेंट का कार्य किया जा रहा है।

कलेक्टर ने कहा कि स्वच्छ भारत अभियान के दृष्टिकोण से यह प्रोजेक्ट बहुत अच्छा है। अधिकाधिक परिवारों तक यह सुविधा पहुँचे, इसे सुनिश्चित करें। उल्लेखनीय है इस प्लांट में नगर पालिक निगम रिसाली एवं नगर पंचायत उतई के शौचालय से सौच अपशिष्ट का परिवहन भी किया जाता है। प्लांट के निर्माण के पश्चात अब तक 1 लाख किलोलीटर जल उपचारित किया जा चुका है।

ग्राम पंचायत पतोरा, जनपद पंचायत पाटन में 26.00 लाख लागत से देश के प्रथम ग्रामीण फिकल स्लज ट्रिटमेंट प्लांट का निर्माण कार्य पूर्ण होने के पश्चात् संयंत्र की टेस्टिंग का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत दुर्ग द्वारा नगर पालिका निगम रिसाली एवं उतई के साथ समन्वय कर शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में सेप्टिक टेंक को खाली कराने हेतु उपयोग किये जा रहे वाहनों को अनिवार्य रूप से पतोरा प्लांट में डी-स्लजिंग करने का कार्य प्रारंभ किया गया। नगर पालिका निगम के अधिकारियों द्वारा नियमित सुरक्षित डी-स्लजिंग करने हेतु पतोरा प्लांट में नियमित वाहन भेज रहे हैं।

नगर पंचायत पाटन में भी उपलब्ध डी-स्लजिंग वाहन के माध्यम से भी पतोरा प्लांट तक फिकल स्लज पहुँचाये जाने के निर्देश दिये गये हैं। प्रत्येक 02-03 वर्ष में सेप्टिक टैंक खाली कराने एवं अपशिष्ट जल की डी-स्लजिंग फिकल स्लज ट्रिटमेंट प्लांट में ही अनिवार्यतः कराये जाने हेतु व्यापक प्रचार-प्रसार किया गया है, जिसका अच्छा जमीनी परिणाम सामने आ रहा है। सेप्टिक टैंक खाली करने वाली शासकीय एवं निजी संस्थाओं को डी-स्लजिंग एफ.एस.टी.पी. प्लांट में करना अनिवार्य होगा।

शासकीय कार्यालयों व भवनों, शालाओं, आंगनबाड़ी केन्द्रों, सामाजिक भवनों आदि में निर्मित शौचालयों के सेप्टिक टैंक को 03 वर्षों में खाली कर एफ.एस.टी.पी. में सुरक्षित निपटान किया जा रहा है।  सेप्टिक टैंक खाली कराने का कार्य मशीनों के माध्यम से करते हुए मेन्युअल स्क्वैंजिंग के निर्देशों का पालन किया जाएगा। डी-स्लजिंग हेतु शासकीय एवं निजी संस्थाओं के संपर्क व्यक्तियों के नाम, मोबाइल नम्बर एवं निर्धारित शुल्क को सार्वजनिक किया जा रहा है।

समस्त नगर निगम, नगर पालिका निगम, नगर पंचायत, जनपद पंचायत एवं ग्राम पंचायत फिकल स्लज के सुरक्षित निपटान हेतु जिम्मेदार रहती है। सेप्टिक टैंक से निकलने वाले अपशिष्ट जल को बिना ट्रीटमेंट किये मैदान, खेत, तालाब, नाली आदि खुले स्थानों में बहाया जाना प्रतिबंधित किया गया है। फिकल स्लज को खुले में बहाये जाने पर वैधानिक कार्यवाही भी की जावेगी। जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली द्वारा फिकल स्लज मैनेजमेंट परियोजना पर कार्य करने हेतु छत्तीसगढ राज्य से जिला दुर्ग को पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में चयनित है साथ ही वाटर एड संस्था को तकनीकी एजेंसी के रूप में चयनित है।

वाटरएड संस्था के वित्तीय सहयोग से नगर पालिका निगम कुम्हारी में 01 युनिट एवं ग्रामीण क्षेत्रों में सेप्टिक टेंक साफ कराये जाने हेतु ग्राम पंचायत के पास पृथक से 01 वाहन उपलब्ध करने की योजना भी तैयार की जा रही है, जिसमें न्यूनतम शुल्क लेकर ग्रामों को सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी। इसी प्रकार के एफ.एस.टी.पी. प्लांट जनपद पंचायत दुर्ग एवं धमधा में भी स्थापित किये जाने की योजना निर्माण की जा रही है।

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