पर्यावरण संरक्षण तथा सालिड वेस्ट मैनेजमेंट नियम, 2016 के संबंध में व्यापक जागरूकता अभिया
‘‘प्रबंधन-स्पेशल ड्राइव फॉर सालिड वेस्ट’’ चलाया जा रहा है

दुर्ग / पर्यावरण संरक्षण तथा सालिड वेस्ट मैनेजमेंट नियम, 2016 के संबंध में व्यापक जागरूकता कार्यक्रम संचालित किये जाने के प्रयोजन से एक अभियान ‘‘प्रबंधन-स्पेशल ड्राइव फॉर सालिड वेस्ट’’ चलाया जा रहा है । राजेश श्रीवास्तव जिला न्यायाधीश /अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण दुर्ग के निर्देशन में उक्त जागरूकता अभियान मार्च माह तक निरंजन क्रियान्वयन में रहेगा।
विधिक सेवा प्राधिकरण दुर्ग के सचिव राहुल शर्मा एवं पैरा लीगल वालंटियर द्वारा जनमानस को जागरूक करने हेतु बताया कि ठोस कचरा प्रबन्धन का अर्थ वातावरण व जन स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना ठोस कचरे का उपचार, निस्तारण, पुनः उपयोग, पुनः चक्रण तथा ऊर्जा में परिवर्तन करने की प्रक्रियाओं के संचालन का प्रबन्धन करना हैं।
सरल भाषा में कहे तो ठोस कचरे का अर्थ हैं, हमारे घरों, उद्योगों, कार्यालयों, स्कूलों आदि में काम में ली जाने वाली वे कठोर वस्तु, जिन्हें एक बार उपयोग के बाद हम यूँ ही फेक देते हैं, जो समय के साथ न तो गलती हैं न उसका भर्जन होता हैं ।
कांच, प्लास्टिक की बनी वस्तुएं, इलेक्ट्रॉनिक के सामान, इलाज में प्रयुक्त सीरिज और दवाई की शीशियाँ आदि हजारों ऐसे उत्पाद हैं जो एक बार काम में लेने के बाद सालो साल उसी अवस्था में रहते हैं। हमारे घरों में प्रयुक्त सब्जी, फल, पौधे की पत्तियां, गोबर आदि कुछ समय बाद खाद के रूप में परिवर्तित हो जाते हैं। जबकि ठोस वस्तुओं के अवशिष्ट के निपटान की कोई स्पष्ट व्यवस्था नहीं हैं। इससे वे न केवल कई एकड़ की जमीन कोई बंजर बनाते हैं बल्कि जमीन और वायु में प्रदूषण भी बढ़ाते हैं।
ठोस अवशिष्ट प्रबंधन का मुख्य उद्देश्य अधिकतम मात्रा में कूड़े करकट को संयंत्र के माध्यम से पुनरुपयोग अथवा खाद के रूप में बदलने हेतु लायक बनाना। इस कचरे का समुचित उपयोग करके बिजली उत्पादन किया जा सकता हैं। ठोस कचरा प्रबन्धन से रोग नियंत्रित होंगे, जन स्वास्थ्य में सुधार होगा । इसके कारण जहरीले पदार्थों की निकासी कम होने से जल प्रदूषण नहीं हो सकेगा । सस्ता और अच्छा वानस्पतिक खाद मिलेगा कृषि उत्पादन क्षमता बढ़ेगी तथा पैदावार अधिक होगी।
नियमित एवं ठेका पद्धति पर नियुक्त सफाई कर्मचारी कूड़े को घरों, अस्पतालों व अन्य प्रतिस्ठानों से लाकर कूड़ा संग्रहण केंद्र पर एकत्रित करते हैं। कचरे के संग्रहण विभिन्न माध्यमो से किया जाता है। कचरा निस्तारण केंद्र पर कचरा उत्पादन स्थलों के अनुसार अलग अलग श्रेणियां निर्धारित कर रखी है। इन श्रेणियों में घरेलू कचरा, औद्योगिक कचरा व विनिर्माण सामग्री का कचरा तथा व्यापारिक प्रतिस्ठानों का कचरा शामिल होता हैं।
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