तहसीलदार के एकतरफा आदेश से हुआ परेशान, ग्राम पुरई का किसान…

दुर्ग – जिला दुर्ग के ग्राम पुरई निवासी बालाराम साहू ने आज दिनांक 18/01/2022 को अपना 64 क्विंटल धान जिलाधीश महोदय को बेचने आया। उसका कहना है कि वर्ष 2019 से अब तक हर वर्ष धान बिक्री के समय फर्जी शिकायत के आधार पर टोकन मिलने के बाद भी धान बिक्री पर रोक लगा दी जाती है, जिससे मैं कर्ज में डूब गया हूं।
इस साल भी यही हाल हुआ है इसके कारण मेरा धान भीग गया और 4 से 5 क्विन्टल धान मेरा बर्बाद हो गया। ऊपर से 95000 सोसाइटी के कर्ज के अलावा खेती के लिए जो मैंने बाहर से कर्ज लिया उसके भी तगादे से परेशान हु। अगर यह धान नहीं बिका तो मैं आत्महत्या पर मजबूर हो जाऊंगा।
ज्ञात हो कि मुख्यमंत्री महोदय किसानों के लिए भला करने में लगे हैं किंतु अधिकारियों के कारण किसानों का भला नहीं हो पा रहा है। किसान बालाराम के अनुसार पैतृक जमीन का बंटवारा हो चुका है किन्तु किसान पुस्तिका संयुक्त होने के कारण एक साथ ले जाकर धान बेचते हैं, फिर पैसे का बंटवारा करते थे। किंतु पैसा नही देने का झुठा कारण लगाकर मेरे चचेरे भाई गोकुल राम पिता बल्दुराम व लोकेश्वर पिता बल्दुराम धान बिक्री में तहसीलदार द्वारा आदेश करवाकर रोक लगवा देते हैं। किसान बालाराम के साथ किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष विनायक ताम्रकार ने कहा कि प्रशासन की सारी गलती है, टोकन देने के बाद धान बिक्री पर रोक लगाना समझ से परे है।
जिलाधीश ने किसान बालाराम को धान बेचने हेतु टोकन दिलवाने आश्वासन दिया। चुंकि धान में भीग गया है उसे सुखा कर सूचित करने को कहा है। किसान बालाराम के साथ किसान मोर्चा के अध्यक्ष विनायक ताम्रकार और बहुत सारे किसान मौजूद रहे।