एक केस में चश्मदीदों तक पहुंचने कोविड ट्रेसिंग ऐप पर सवालों के घेरे में जर्मन पुलिस
जर्मन पुलिस ने एक केस में चश्मदीदों तक पहुंचने के लिए कोविड ट्रेसिंग ऐप से हासिल डाटा का इस्तेमाल किया. डाटा सुरक्षा के समर्थक इससे नाराज हैं. राजनीतिज्ञों का कहना है कि ऐप का गलत इस्तेमाल लोगों का भरोसा कम करेगा.एक केस की जांच के मामले में कोविड कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग ऐप के बेजा इस्तेमाल को लेकर जर्मनी में प्रशासन को गंभीर आलोचना का सामना करना पड़ रहा है. यह मामला डाटा सुरक्षा विशेषज्ञों द्वारा जताई गई चिंताओं की एक मिसाल है. राजनीतिज्ञों ने चेताया है कि यह केस उन प्रदर्शनकारी समूहों को भी बल देता है, जो महामारी के मद्देनजर लगाए गए तमाम प्रतिबंधों का विरोध कर रहे हैं और कोविड टीकाकरण के प्रति शंका जता रहे हैं. क्या है मामला? यह केस माइंस शहर के प्रशासन से जुड़ा है. नवंबर 2021 के आखिर में एक रेस्तरां से निकलने के बाद एक शख्स की मौत हो गई.
पुलिस ने जांच शुरू की. घटना के चश्मदीदों तक पहुंचने के लिए पुलिस और जांचकर्ताओं ने स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों से आग्रह किया कि वे उन्हें लुका ऐप से जुड़ा डाटा मुहैया कराएं. यह ऐप ब्योरा रखता है कि लोग कितनी देर तक एक जगह पर रहे. स्वास्थ्य अधिकारियों ने यह आग्रह मान लिया. गैरकानूनी तरीके से हासिल किए गए इस डाटा की मदद से प्रशासन ने ऐसे 21 लोगों को खोज निकाला, जो घटना के चश्मदीद हो सकते थे.
इस केस से जुड़े ब्योरे पिछले हफ्ते जारी हुए. जानकारियां सामने आने के बाद से इस मामले पर काफी नाराजगी जताई जा रही है. माइंस के पब्लिक प्रॉसिक्यूटर दफ्तर ने एक बयान जारी कर बताया कि उन्होंने इस मामले में जांच शुरू कर दी है. उन्होंने आश्वासन दिया कि संबंधित डाटा का अब आगे कहीं इस्तेमाल नहीं किया जाएगा. अब तक ऐसा कोई और ज्ञात मामला नहीं है जहां पुलिस ने अपनी जांच प्रक्रिया के लिए ऐप से डाटा हासिल करने में सफलता पाई हो. क्या करता है लुका ऐप? इस ऐप को इस्तेमाल करने वाले लोग किसी रेस्तरां, बार या सांस्कृतिक कार्यक्रम में कितना समय बिताते हैं, यह जानकारी ऐप में दर्ज हो जाती है.
ऐप इस्तेमाल करने वाला ऐप में अपनी निजी जानकारियां डालता है. इसके बाद उपयोगकर्ता किसी रेस्तरां या कार्यक्रम में दाखिल होते समय ऐप के माध्यम से वहां क्यूआर कोड स्कैन करता है. वहां से बाहर निकलते समय वह लॉग आउट कर लेता है. संबंधित कार्यक्रम या जगह पर मौजूद कोई व्यक्ति अगर कोविड पॉजिटिव हुआ, तो स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारी आसानी से पता कर पाते हैं कि वहां मौजूद कौन-कौन से लोग वायरस के संपर्क में आए हो सकते हैं. इस जानकारी के आधार पर अधिकारी उन्हें सावधान कर सकते हैं. लुका ऐप और इस जैसे बाकी ऐप्स की मदद से रेस्तरांओं, बारों और कार्यक्रम आयोजकों के लिए कागजी काम कम हुआ है.
कोरोना महामारी के शुरुआती दौर में उन्हें हर ग्राहक या आगंतुकों से कागज पर उनकी जानकारी लिखनी पड़ती थी, ताकि जरूरत पड़ने पर उन लोगों से संपर्क किया जा सके. डाटा सुरक्षा यह ऐप जर्मनी के कड़े डाटा सुरक्षा कानूनों के दायरे में आता है. कोरोना के शुरुआती दौर में बाकी कई देशों के मुकाबले जर्मनी में कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग ऐप देर से लाया गया था. इसके पीछे एक वजह डाटा सुरक्षा से जुड़ी चिंताएं थीं. जब यहां ऐप आया, तो इस ऐप को डाटा प्राइवेसी के मामले में और कई ऐप्स से बेहतर बताया गया. इसकी एक वजह यह थी कि कई अन्य देशों द्वारा जारी ट्रेसिंग ऐप्स से अलग जर्मन ऐप व्यक्ति की लोकेशन को ट्रैक नहीं करता था.
ऐप बस इस बात की पहचान करता था कि ऐप को इस्तेमाल करने वाले कौन से लोग एक समय पर आसपास हैं. इसके लिए ऐप उपभोक्ताओं के फोन के ब्लूटूथ का इस्तेमाल करता था. अगर स्थानीय स्वास्थ्य विभाग और इस्टैबलिशमेंट दोनों ही निजी डाटा को अनइनक्रिप्ट करने की अनुमति दे दें, केवल उसी स्थिति में इस ऐप से डाटा हासिल किया जा सकता है. डाटा के अनइनक्रिप्ट हो जाने के बाद केवल स्थानीय स्वास्थ्य विभाग को ही उपभोक्ताओं से जुड़े निजी ब्योरों को देखने की इजाजत है. इस डाटा का इस्तेमाल संक्रमण की संभावित श्रृंखला का पता करने के लिए ही किया जा सकता है. तीखी प्रतिक्रियाएं इस ऐप को ‘कल्चर 4 लाइफ’ ने विकसित किया है.
कंपनी ने माइंस प्रशासन की गतिविधियों की तीखी आलोचना की है. कंपनी ने अपने बयान में कहा, “हम संक्रमण से सुरक्षा के मकसद से जमा किए लुका ऐप डाटा के बेजा इस्तेमाल की निंदा करते हैं” कंपनी ने यह भी बताया कि उसे समय-समय पर कानून-व्यवस्था से जुड़ी एजेंसियों के आग्रह मिलते हैं, जिनमें ऐप का डाटा मांगा गया होता है. मगर इन आग्रहों को खारिज कर दिया जाता है.
जर्मनी के सत्ताधारी गठबंधन के सदस्यों, जिसमें सोशल डेमोक्रैट्स, ग्रींस और फ्री डेमोक्रैट्स शामिल हैं, ने भी इस मामले पर चिंता जताई है. ग्रीन पार्टी के वरिष्ठ सदस्य कॉन्सटांटिन फॉन नॉत्स ने चेताया कि ऐप के दुरुपयोग के चलते इसमें लोगों का भरोसा घट सकता है. यह बढ़ रहे कोविड मामलों से निपटने की कोशिशों को भी प्रभावित कर सकता है. 11 जनवरी को हांडेल्सब्लाट अखबार से बात करते हुए उन्होंने कहा, “हमें डिजिटल ऐप के लिए बने भरोसे को खत्म होने से रोकना होगा.
ये ऐप कोविड से निपटने का एक अहम जरिया है” कुछ नेताओं ने लोगों से अपने फोन से यह ऐप हटाने तक की अपील की. ऐप को विकसित करने वालों में शामिल जर्मन रैपर स्मूडो ने इन अपीलों का सख्त विरोध किया है. उन्होंने बिल्ड अखबार से कहा, “मुझे लगता है कि हमारे एक-दो नेताओं द्वारा ऐसी अपील करना गैर-जिम्मेदाराना है. मैंने इन नेताओं का नाम कभी सुना भी नहीं. इसकी वजह से महामारी की इस स्थिति में लोग लुका ऐप डिलीट कर सकते हैं” स्मूडो ने कहा, “चट्टान के किनारे लटके होने का यह मतलब नहीं कि बचने की कोशिश ही छोड़ दो” .
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