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UP Teachers Bharti : यूपी में 35000 से अधिक शिक्षकों की भर्ती रुकी, जानें कौन कौन सी भर्तियां फंसी

UP Teachers Bharti : सरकारी शिक्षक भर्ती का इंतजाार कर रहे युवाओं के लिए निराशाजनक खबर है. यूपी विधानसभा चुनाव के कारण सरकारी स्कूलों में 35000 से अधिक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया रुक गई है. जो भर्तियां पहले से चल रही हैं उनमें संबंधित विभाग के अधिकारियों को चयन प्रक्रिया आगे बढ़ाने के लिए चुनाव आयोग की अनुमति लेनी पड़ेगी. चुनावी साल में सरकारें बंपर भर्तियां करती हैं लेकिन युवाओं को इसके बावजूद निराशा हाथ लगेगी. आइए जानते हैं कि आदर्श आचार संहिता का किन किन भर्तियों पर ग्रहण लगा है.

17000 शिक्षकों की भर्ती का पता नहीं –

उत्तर प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में 17000 शिक्षकों की होनी थी. बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ. सतीश द्विवेदी ने 24 दिसंबर 2021 को कहा था कि 68500 और 69000 शिक्षकों की भर्ती के बाद रिक्त रह गए 17000 पदों पर नई भर्ती की जाएगी. लेकिन दो सप्ताह बाद भी इसका विज्ञापन जारी नहीं किया गया. प्रदेश के शिक्षा मंत्री इससे पहले रिषदीय शिक्षकों के जिले के अंदर ट्रांसफर, पंचायत चुनाव के दौरान मृत शिक्षकों के आश्रितों को क्लर्क के अधिसंख्य पदों पर नियुक्ति देने की घोषणा कर चुके हैं, लेकिन कोई पूरी नहीं हो सकी.

69000 शिक्षक भर्ती में 6800 अभ्यर्थियों की नियुक्ति –

 यूपी में 69000 शिक्षक भर्ती में आरक्षण के नियमों का उल्लंघन किया गया था. प्रदेश सरकार ने लंबे समय तक चले विरोध प्रदर्शन के बाद इस बात को स्वीकर किया और आरक्षित व विशेष आरक्षित वर्ग के 68000 अभ्यर्थियों की नियुक्ति की चौथी सूची जारी की थी. यह सूची बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव प्रताप सिंह बघेल ने जारी की थी. इसके बाद इन उम्मीदवारों को जिला आवंटित करते हुए काउंसलिंग कराई जानी है. लेकिन इस प्रक्रिया से पहले ही चुनाव की तारीख घोषित हो गई.

एडेड जूनियर के 1894 पदों पर भर्ती अटकी –

उत्तर प्रदेश के सहायता प्राप्त जूनियर हाईस्कूलों में सहायक अध्यापकों के 1504 और प्रिंसिपल के 390 पदों सहित कुल 1894 पदों पर भर्ती अटक गई है. परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय की तरफ से 17 अक्टूबर को आयोजित परीक्षा का रिजल्ट 15 नवंबर को घोषित किया गया था. लेकिन करीब डेढ़ महीने बाद भी पास उम्मीदवारों से ऑनलाइन विकल्प लेते हुए चयन प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी. अब आचार संहिता लागू होने से चुनाव आयोग से अनुमति के इंतजार में फंस गई है.

राजकीय विद्यालयों में होनी है 1947 पदों पर भर्ती – 

यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की घोषणा के बाद बने 35 और अल्पसंख्यक विभाग की आरे से प्रधानमंत्री जन विकास योजना में निर्मित 49, कुल 84 राजकीय विद्यालयों में टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ के 1947 पदों पर होने वाली भर्ती भी अटक गई है. विशेष सचिव शंभू कुमार ने 24 दिसंबर को इन पदों के सृजन का आदेश जारी किया था. लेकिन माध्यमिक विभाग इन पदों पर नियुक्ति के लिए लोक सेवा आयोग और अधीनस्थ सेवा आयोग को सूचना भेजता उससे पहले चुनाव की तारीखें घोषित हो गईं.

राजकीय विद्यालयों में 2500 से अधिक पदों पर होनी है भर्ती –

राजकीय विद्यालयों में 2500 से अधिक पदों पर भर्ती होनी है. लेकिन विधानसभा चुनाव की आदर्श आचार संहिता में फंस गई है. अपर निदेशक राजकीय अंजना गोयल ने संयुक्त शिक्षा निदेशकों से दिसंबर के पहले सप्ताह में रिक्त पदों की सूचना मांगी थी. पूर्व में शिक्षा निदेशालय की ओर से लोक सेवा आयोग को अधियाचन (रिक्त पदों की सूचना) भेजा गया था. लेकिन कुछ बिंदुओं पर आपत्ति करते हुए आयोग ने निदेशालय को वापस भेज दिया. लिहाजा फिर से रिक्तियों को अपडेट करते हुए समेकित अधियाचन मांगा गया था. सूत्रों के अनुसार ढाई हजार से अधिक पदों की सूचना मिली थी लेकिन एस पर भी प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ सकी.

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