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10 दिनों के भीतर टैक्स जमा नही करने वालों के नाम होंगे सार्वजनिक, कुर्की जैसी कार्रवाई की भी है तैयारी…

भिलाई – नगर निगम, भिलाई द्वारा ऐसे लोगों की फेहरिस्त तैयार की जा रही है, जिन्होंने पूर्व से लेकर पिछले वित्तीय वर्ष तक की संपत्तिकर जमा नहीं की है, यह बकायेदार यदि 10 दिनों के भीतर टैक्स जमा नहीं करते हैं तो इनका नाम सार्वजनिक किया जाएगा। नाम सार्वजनिक करने के बाद निगम अधिनियम के तहत कुर्की जैसे सख्त कार्रवाई भी इनके विरुद्ध की जाएगी।

10 दिनों के भीतर टैक्स जमा नही करने वालों के नाम होंगे सार्वजनिक, कुर्की जैसी कार्रवाई की भी है तैयारी...

निगम आयुक्त प्रकाश सर्वे ने राजस्व वसूली की बैठक ली। कम वसूली को लेकर आयुक्त बेहद नाराज हुए, उन्होंने स्पैरो के कार्यों पर असंतोष जाहिर किया। संपत्तिकर, समेकितकर एवं शिक्षा उपकर के वार्षिक लक्ष्य के मुताबिक केवल 52.38% की वसूली की गई है। निगम आयुक्त ने निर्देश दिए कि संपत्तिकर की वसूली में तेजी से कार्य करें, डोर टू डोर कलेक्शन शत प्रतिशत हो, बकायेदारों से संपर्क कर उन्हें लगने वाले अधिभार के बारे में अवगत करावे, वसूली बढ़ाने के लिए मुनादी के माध्यम से भी टैक्स देने की अपील करें, बकाया राशि वसूली पर नोटिस जारी करने की कार्रवाई समय पर हो, निर्धारित समय पर राशि जमा नहीं किए जाने की स्थिति में अधिनियम 1956 में उल्लेखित प्रावधानों के तहत 173, 174 एवं 175 के तहत कुर्की की कार्यवाही करें।

10 दिनों के भीतर टैक्स जमा नही करने वालों के नाम होंगे सार्वजनिक, कुर्की जैसी कार्रवाई की भी है तैयारी...

प्रत्येक जोन के टैक्स वसूली की उन्होंने बारी-बारी से समीक्षा की। राजस्व विभाग के अधिकारियों को स्पैरो से समन्वय बनाकर कार्य करते हुए 100% वसूली करने के निर्देश दिए। बैठक में अपर आयुक्त अशोक द्विवेदी, बी एल असाटी, उपाध्याय इत्यादि मौजूद रहे। उपायुक्त एवं संपत्तिकर के अधिकारी सुनील अग्रहरि एवं एनआर रत्नेश को आयुक्त ने राजस्व वसूली को लेकर नियमित रूप से प्रतिदिन मानिटरिंग करने के निर्देश दिए है।

*संपत्तिकर की आईडी कोड जनरेट करने पर करें फोकस* निगमायुक्त के संज्ञान में आया कि राजस्व करो के भुगतान हेतु जिन्होंने संपत्तिकर की आईडी कोड जनरेट नहीं कराया है, उनके लिए डोर टू डोर वसूली के माध्यम से जाने वाले स्पैरो के कर्मचारी आईडी कोड जनरेट कराने में पूरी तरीके से सहायता करेंगे। इस बाबत निगमायुक्त ने राजस्व विभाग के अधिकारियों को भी निर्देशित किया है।

*स्वविवरणी की होगी जांच*                                 निगमायुक्त ने करदाता द्वारा दी जाने वाली स्वविवरणी में से 10% स्वविवरणी की नियमित रूप से सहायक राजस्व अधिकारी को जांच करने और जांच उपरांत संपूर्ण कार्यवाही जोन स्तर पर नियमानुसार किए जाने के निर्देश दिए है। गलत स्वविवरणी देने वाले करदाताओं पर नियमानुसार कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।

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