बस्तर में बनेगी छत्तीसगढ़ की पहली सुरंग, रायपुर से 175 KM कम होगी विशाखापट्टनम की दूरी, जानें डिटेल

रायपुर : छत्तीसगढ़ की पहली फोरलेन सुरंग बस्तर संभाग में बनने जा रही है. केन्द्र सरकार की भारतमाला परियोजना के तहत ये सुरंग बनाई जाएगी. परियोजना के तहत रायपुर से विशाखापट्टनम तक एक्सप्रेस-वे बनना है. इस एक्सप्रेस वे में कुल 3 सुरंग बनेंगी, जिसमें से एक सुरंग छत्तीसगढ़ के बस्तर में बनेगी. सुरंग करीब ढाई किलोमीटर लंबी होगी. एक्सप्रेस-वे का काम साल 2022 में ही शुरू हो जाएगा. केन्द्र सरकार के इकोनामिक कॉरिडोर के तहत इस एक्सप्रेस-वे को विकसित किया जाएगा. छत्तीसगढ़ की पहली ढाई किलोमीटर लंबी सुरंग बस्तर संभाग के केशकाल की पहाड़ियों से होकर गुजरेगी.
भारतमाला परिजयोजना के तहत बन रहे इस फोरलेन एक्सप्रेस वे पर ओड़िशा में 2 और सुरंगें बनाई जाएंगी. परियोजना के तहत रायपुर के अभनपुर से यह एक्सप्रेस वे शुरू होगा, जो आध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में सब्बावरम तक बनाया जाएगा. बता दें कि छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से विशाखापट्टनम के बीच जगदलपुर होकर जाने से करीब 625 किलोमीटर की दूरी तय करना पड़ती है. इस मार्ग पर केशकाल, सुनकी व सालूर घाटियों को पार करना होता है. बताया जा रहा है कि भारतमाला परियोजना के तहत बनाए जाने वाले एक्सप्रेस-वे से यह दूरी लगभग 175 किलोमीटर तक कम हो जाएगी.
छत्तीसगढ़ में 124 किलोमीटर की सड़क
मिली जानकारी के मुताबिक भारतमाला परियोजना के तहत छत्तीसगढ़ में यह एक्सप्रेस-वे तीन हिस्से में बनाया जाएगा, जिसे 2025 तक पूरा किया जाना प्रस्तावित है. एक्सप्रेस-वे का निर्माण भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) द्वारा किया जाएगा. इसमें करीब 20 हजार करोड़ रुपए की लागत अनुमानित है. इस परियोजना के तहत छत्तीसगढ़ में 124 किलोमीटर, ओडिशा में 240 किलोमीटर और आंध्र प्रदेश में 100 किमी सड़क बनाई जाएगी. कुल 465 किमी की यह सड़क रायपुर विशाखापट्टनम इकोनामिक कॉरिडोर के रूप में तीन बड़ी सुरंगों से होकर गुजरेगी.
एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर एस. चौधरी ने बताया कि मीडिया से चर्चा में बताया कि ग्रीन फील्ड इकोनामिक कॉरिडोर के इस एक्सप्रेस-वे को 19 पैकेज में पूरा किया जाएगा, जिसमें 3 छत्तीसगढ़ में, 11 पैकेज ओडिशा में और 5 पैकेज आंध्र प्रदेश में शामिल हैं. डायरेक्टर चौधरी के मुताबिक छत्तीसगढ़ में दुधावा डैम के पास से होते हुए कांकेर केशकाल की पहाड़ियों से होकर यह एक्सप्रेस-वे सलना-पलना के बाद ओडिशा में प्रवेश करेगा. इसी एक्सप्रेस-वे में छत्तीसगढ़ में ढाई किलो मीटर लंबी फोरलेन की एक सुरंग भी बनाई जाएगी.