विदेश मंत्री एस जयशंकर ने की अपने अमेरिकी समकक्ष एंटनी ब्लिंकन के साथ बात, द्विपक्षीय मुद्दों, इंडो-पैसिफिक पर हुई चर्चा
भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने नए साल के अवसर पर अपने अमेरिकी समकक्ष (विदेश मंत्री) एंटनी ब्लिंकन के साथ बातचीत की है. समाचार एजेंसी एएनआई की तरफ से किए ट्वीट के मुताकि विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर का कहना है कि उन्होंने सोमवार अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के साथ बातचीत की थी. जिसमें दोनों के बीच “वर्तमान द्विपक्षीय मुद्दों, इंडो–पैसिफिक और वैश्विक मामलों को लेकर चर्चा हुई है.
इससे पहले रोम में आयोजित जी 20 शिखर सम्मेलन में दोनों की हुई थी मुलाकात
भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर और अमेरिकी के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के बीच इससे पहले अक्तूबर के आखिरी सप्ताह में रोम में आयोजित जी 20 शिखर सम्मेलन के दौरान मुलाकात हुई थी. इस दौरान भी दोनों देशों के विदेश मंत्रियों ने चतुर्भुज सुरक्षा वार्ता (क्वाड) के माध्यम से इंडो–पैसिफिक सहयोग को मजबूत करने के प्रयासों सहित कई मुद्दों पर चर्चा की हुई थी. मुलाकात के बाद अमेरिकी विदेश मंत्री ब्लिंकन ने ट्विटर पर लिखा था कि वह द्विपक्षीय रूप से और क्वाड के माध्यम से इंडो–पैसिफिक सहयोग को मजबूत करने के प्रयासों पर चर्चा करने के लिए डॉ एस जयशंकर से मिला. उन्होंने अपने ट्ट में आगे कहा था कि वह अमेरिका–भारत व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को गहरा करने के लिए मिलकर काम करने के लिए तत्पर हैं. वहीं एस जयशंकर ने कहा था कि अमेरिकी विदेश मंत्री के साथ उनकी बहुत अच्छी बैठक हुई और दोनों ने दोनों देशों के बीच साझेदारी से संबंधित मुद्दों पर व्यापक चर्चा की.
क्या है क्वाड और इंडो–पैसिफिक में क्या है इसकी भूमिका
क्वाड का अर्थ क्वाड्रीलेटरल सिक्योरिटी डायलॉग है, जो जापान, ऑस्ट्रेलिया, भारत और अमेरिका के बीच एक बहुपक्षीय समझौता है. क्वाड को वैसे तो इंडो –पैसिफिक क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने को लेकर तैयार किया गया, लेकिन इससे चीन परेशान है. असल मे इंडो – पैसेफिक क्षेत्र में चीन के बढ़ते दखल के बाद इसका गठन किया गया है. जो क्षेत्र में चीन की बढ़ती दादागिरी पर रोक लगाने का काम करेगा. क्वाड का पहला शिखर सम्मेलन बीते वर्ष ही आयोजित किया गया था. मूल तौर पर क्वाड इंडो–पैसिफिक स्तर पर काम कर रहा है, ताकि समुद्री रास्तों से व्यापार आसान हो सके, लेकिन अब ये व्यापार के साथ–साथ सैनिक बेस को मजबूती देने पर ज्यादा ध्यान दे रहा है ताकि शक्ति संतुलन बनाए रखा जा सके. 2007 में जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने क्वाड की अवधारणा प्रस्तुत की थी, लेकिन चीन के दवाब में ऑस्ट्रेलिया के आने के बाद इसका गठन टाल दिया गया था.