भारत में घटी सोने की डिमांड! 16% कम हुई बिक्री, लोग ज्वेलरी नहीं बल्कि इन्वेस्टमेंट में लगा रहे पैसा

Gold Market News : भारत में इस साल सोने की चमक फीकी पड़ गई है। जहां आमतौर पर त्योहारों और शादी के सीजन में गोल्ड की मांग चरम पर रहती है, वहीं इस बार कीमतों में भारी उछाल ने ग्राहकों की जेब पर असर डाला है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, जुलाई से सितंबर 2025 तिमाही में देश की कुल सोने की मांग 16% घटकर 209.4 टन पर आ गई है।
सोने की डिमांड में 16% की गिरावट
पिछले साल की समान तिमाही की तुलना में इस बार गोल्ड की बिक्री में उल्लेखनीय गिरावट देखी गई है। हालांकि, कीमतों में उछाल के कारण मूल्य के हिसाब से डिमांड 23% बढ़ी, लेकिन वॉल्यूम यानी मात्रा के लिहाज से खरीदारी में भारी गिरावट दर्ज हुई।
ज्वेलरी की बिक्री में 31% की गिरावट
रिपोर्ट के अनुसार, महंगे सोने के चलते ग्राहक अब लाइटवेट और लो-कैरट ज्वेलरी की ओर रुख कर रहे हैं। इसके साथ ही श्राद्ध पक्ष जैसे शुभ न माने जाने वाले समय ने भी ज्वेलरी की बिक्री को प्रभावित किया।
इन्वेस्टमेंट गोल्ड की मांग 20% बढ़ी
हालांकि, दूसरी ओर इन्वेस्टमेंट गोल्ड की मांग में उछाल देखा गया। निवेशकों ने कॉइंस और बार्स की जमकर खरीदारी की, जिससे यह मांग 20% बढ़कर 91.6 टन तक पहुंच गई।
WGC इंडिया के रीजनल सीईओ सचिन जैन के मुताबिक, अब भारतीय उपभोक्ता सोने को आभूषण नहीं बल्कि लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टमेंट के रूप में देख रहे हैं। इस बदलाव के चलते इन्वेस्टमेंट वैल्यू 88,970 करोड़ रुपये तक पहुंच गई, जो सालाना आधार पर 74% की बड़ी वृद्धि है।
गोल्ड इंपोर्ट और रिसाइक्लिंग में भी गिरावट
सोने की आपूर्ति पर भी असर पड़ा है। भारत का गोल्ड इंपोर्ट 37% घटकर 194.6 टन पर आ गया, जबकि पुराने सोने की बिक्री में 7% की कमी दर्ज हुई।
हालांकि, पुराने सोने के एक्सचेंज से नई ज्वेलरी की खरीदारी अब भी मजबूत बनी हुई है। प्रमुख ज्वेलर्स के अनुसार, कुल बिक्री का लगभग 40% हिस्सा पुराने सोने के एक्सचेंज से आया है।
आने वाले महीनों में क्या उम्मीदें हैं?
अब जब त्योहार और शादी का सीजन शुरू हो चुका है, बाजार को फिर से मांग में बढ़ोतरी की उम्मीद है। WGC का अनुमान है कि वर्ष 2025 में भारत की कुल गोल्ड डिमांड 600 से 700 टन के बीच रहने की संभावना है।
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